बिहार के दरभंगा जिले के दो परिवार है . एक है भूमिहार और दूसरा क्षत्रिय.
दोनों के परिवार एक दुसरे से अपरिचित है . दो अलग अलग जगहों में रहते है . दोनों
के बच्चे शहर में जाकर एक ही कॉलेज में एडमिशन लेते है . भूमिहार परिवार का पुत्र
का नाम राजेश है और क्षत्रिय परिवार की लड़की का नाम संगीता है . दोनों के बच्चे शुरू
की नोकझोंक के बाद दोनों में दोस्ती हो जाती है . इसी तरह से वो दोनों बहुत गहरे
दोस्त बन जाते है .
दुसरे साल की पढाई में कॉलेज की टीम पिकनिक के लिए जाती है . वहां पर नदी में
अचानक संगीता फिसल जाती है और बहने लगती है . तब ये राजेश उसकी जान बचाता है . बाद
में इसी के कारण उसे निमोनिया हो जाता है . किसी तरह से वो बच जाती है , और लड़के की
बहादुरी से संगीता प्रेरित होकर उससे प्रेम करने लग जाती है .और दोनों में प्रेम
हो जाता है .
उनका प्रेम परवान चढ़ता है . और वो दोनों निर्णय करते है कि उन्होंने शादी कर
लेनी चाहिए . जब वो शहर से वापस जाते है तो अपने अपने परिवार में इसके बारे में
बात करते है लेकिन दोनों के परिवार इसके लिए इनकार कर देते है . और दोनों परिवार
के मुखिया एक दुसरे से लड़ते भी है .
इसी बीच राजेश की नौकरी किसी और शहर में लग जाती है और वो चला जाता है . वो संगीता
से कहता है कि भाग कर शादी कर लेते है .
लेकिन संगीता मना कर देती है , वो कहती है कि सबकी रजामंदी से ही शादी होंगी . वो राजेश
को विश्वास दिलाती है कि वो दोनों परिवारों को जोड़ेंगी .
संगीता , राजेश के छोटे भाई नरेश से दोस्ती करती है और उसी के सहारे वो राजेश की
माँ से भी मिलती है . और धीरे धीरे वो राजेश की माँ को पसंद आने लगती है. राजेश की
मां संगीता से , उसकी सादगी से , उसकी सरलता से और उसके बातो से बहुत प्रभावित
होती है . वो और राजेश का छोटा भाई नरेश , दोनों मिलकर धीरे धीरे परिवार के सारे
सदस्यों को संगीता की तरफदारी में धीरे
धीरे जोड़ते है .
कई घटनाएं घटती है और धीरे धीरे दोनों परिवार एक दुसरे के करीब आते है .सिर्फ राजेश
के पिता ही नहीं मानते है . फिर एक दिन वो बीमार हो जाते है , मेडिकल हॉस्पिटल में
चेकअप के दौरान पता चलता है कि उनकी दोनों किडनी
फेल हो गयी है . उनके परिवार में किसी भी सदस्य के किडनी का मेल उनसे नहीं
होता है . वो मृत्यु के द्वार तक पहुँच जाते है . ऐसे में वो संगीता अपनी किडनी की
जांच करवाती है और ये पता चलता है कि उसकी किडनी राजेश के पिताजी की किडनी से मैच / मेल करती है . तो वो ये निर्णय करती है कि वो राजेश
के पिता को अपनी एक किडनी देंगी . सभी उसे मना करते है , पर वो अपनी किडनी , राजेश
के पिता को डोनेट करती है . और वो बच जाते है
संगीता के त्याग को देखकर राजेश के पिता रो देते है. और उसे अपनी गलती समझ में
आ जाती है . उनके ठीक होते ही राजेश और संगीता की शादी हो जाती है .
इस तरह से संगीता ने अपनी हिम्मत और दया और प्रेम से राजेश के कट्टर परिवार को
जोड़ा दिया और अपने प्रेम को भी हासिल कर लिया
समाप्त
Bahut hi acchi kahani h
ReplyDeleteBahut hi acchi kahani h
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